IIT Patna will be equipped with supercomputers, the price is 20 crores; Will work at the speed of 3.3 petaflops

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) पटना अगले साल 2023 में देश के सबसे अपडेटेड सुपर कंप्यूटर से लैस हो जाएगा। इससे शिक्षा, चिकित्सा और मौसम के क्षेत्र में रिसर्च को नए आयाम मिलेंगे।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) पटना अगले साल 2023 में देश के सबसे अपडेटेड सुपर कंप्यूटर से लैस हो जाएगा। इससे शिक्षा, चिकित्सा और मौसम के क्षेत्र में रिसर्च को नए आयाम मिलेंगे।आईआईटी पटना के एसोसिएट डीन (प्रशासन) प्रोफेसर सोमनाथ त्रिपाठी ने बताया है कि हमें अगले साल अगस्त तक लगभग 20 करोड़ की लागत से तैयार सुपर कंप्यूटर मिल जाएगा। 

वहीं आईआईटी पटना के डायरेक्टर टीएन सिंह के मुताबिक सुपर कंप्यूटर पलक झपकते ही एक लाख करोड़ से ज्यादा गणनाएं करने में सक्षम है। यह दुनिया का सबसे ताकतवर कंप्यूटर है। इससे शोध की गुणवत्ता, उसकी समयावधि में बड़ा बदलाव आएगा। बिहार में शिक्षा, चिकित्सा, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन, शोध और अध्ययन के क्षेत्र में इसका व्यापक इस्तेमाल किया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि रिसर्च और अनुसंधान के क्षेत्र में इससे बड़ा बदलाव आएगा। खगोल, भौतिकी, आणविक विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इंजीनियरिंग के साथ-साथ डिजाइनिंग में इसकी अहम भूमिका होगी। एमएसएमई और स्टार्टअप में यह सुपर कंप्यूटर नई जान फूंकेगा। राज्य के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों को भी इसका फायदा होगा। इनकी तकनीकी क्षमता बढ़ेगी।

हाल ही में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु में सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर परम प्रवेग लगाय गया है। इसकी स्पीड 3.3 पेटाफ्लॉप है। एक पेटाफ्लॉप प्रति सेकंड 10 के 15 गुणक से प्राप्त प्रतिफल के ऑपरेशन के बराबर होता है। यह पलक झपकते ही असंख्या गणनाएं करने में सक्षम होता है।

3.3 पेटाफ्लॉप की स्पीड से करेगा काम

पहले चरण में देश के दस प्रीमियम संस्थानों में सुपर कंप्यूटर लगाये जा चुके हैं। दूसरे चरण में इस मिशन को लागू करने की जिम्मेवारी सीडैक पुणे और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु को दी गई है। हाल में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस बेंगलुरु में अब तक के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर परम प्रवेग को लगाया जा चुका है। इसकी गति 3.3 पेटाफ्लॉप होगी। एक पेटाफ्लॉप प्रति सेंकेंड 1015 ऑपरेशन के बराबर होता है। यह पलक झपकते असंख्य गणनाएं करने में समर्थ होता है।

ये फायदे होंगे

आईआईटी पटना के एसोसिएट डीन जावर सिंह ने बताया कि इससे न केवल शोध की गुणवत्ता निखरेगी बल्कि राज्य के सामाजिक आर्थिक विकास की दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा। बिहार में शिक्षा, चिकित्सा, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु परिवर्तन अध्ययन, बाढ़ का अध्ययन, बायोटेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, इंफ्रास्टक्चर, शोध के क्षेत्र में इस सुपर कंप्यूटर सकारात्मक उपयोग होगा।खगौल, भौतिकी, आणविक विज्ञान जैसे अनुसंधान उद्देश्यों के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इंजीनियरिंग और डिजाइन में भी इसकी बड़ी भूमिका होगी। एमएसएमई और स्टार्टअप क्रांति में यह अद्यतन सुपर कंप्यूटर नई जान फूंकेगा।

क्या है सुपर कंप्यूटर

सुपर कंप्यूटर पलक झपकते एक लाख करोड़ से अधिक गणनाएं करने में समर्थ होता है। भारत का पहला सुपर कंप्यूटर परम 8000 है, जिसे 1991 में तैयार किया गया। भारत अब तक परम 8000, परम 8600, परम 9900/एसएस, परम 10000, परम पद्म, परम युवा, परम युवा द्वितीय, परम शिवाय, परम शक्ति, परम ब्रह्म, परम युक्ति, परम संगणक जैसे सुपर कंप्यूटर विकसित कर चुका है।

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